अंधकार से प्रकाश यानी कि रौशनी की तरफ बढ़ो, यानी कि बुराई और बुरी आदतों को त्यागकर प्रकाश यानी कि सत्य के पथ पर उन्मुख होना ही वास्तविक साधना और आध्यात्म है ! लेकिन सांसारिकता से भरा हुआ मनुष्य अक्सर भौतिकता और भौतिक चीजों को एकत्र करने की जोड़-तोड़ में ही जीवन गुजार देता है और इस बात के वास्तविक मर्म को समझ नहीं पाता है !
जिस तरह प्रातः सूर्य की किरणों से रात का अंधकार गायब हो जाता है, ठीक उसी तरह मनुष्य को इसी बात के लिए प्रेरित करता है कि अंधकार से बाहर निकलकर प्रकाश के मार्ग पर चलो !